Warning: it’s fairly lengthy.
Animal : जो मैंने देखा
Disclaimer : एनिमल फिल्म का ट्रेलर देखकर मैं इसे लेकर जेनुइनली एक्साइटेड था..और फिल्म देखकर मैं निराश भी नहीं हुआ…एनिमल 1 दिसंबर को रिलीज हुई और मैंने 11 दिसंबर को देखी..10 दिन तक एनिमल को लेकर जो भी रिव्यू देखे, सुने या पढ़े..उनमें सिर्फ Intercourse..Violence और Misogyny का ही जिक्र था..लोग इन्हीं 3 मुद्दों के आधार पर फिल्म को लेकर अपनी पसंद और नापसंदगी ज़ाहिर कर रहे थे..लेकिन मुझे फिल्म में कुछ और ही दिखा..जिनका उल्लेख इस पोस्ट में होगा..इस पोस्ट में Spoiler Alerts हैं तो आगे तभी पढ़ें..जब आपने ये फिल्म देखी हो..लेखन मुद्दे से भटके ना..इसलिए इस फिल्म को 6 प्वाइंट्स में बांट रहा हूं..
1- Mythological Reference
2- Historic Reference
3- Present Social Commentry
4- Misogyny
5- Sexual Content material
6- Violence
सबसे पहले बात Mythological Reference की..
एनिमल में 2 भाइयों की अगली पीढ़ी के बीच जंग थी..धृतराष्ट्र और पांडू..कौरव और पांडव..अगर आपने फिल्म देखी है तो अपनी सुविधा के अनुसार मान लीजिए कि कौरव कौन था और पांडव कौन? अब आप कहेंगे कि 2 भाइयों के बीच जंग में तो बहुत सी फिल्में बनी हैं..इसमें महाभारत का जिक्र लाना ठीक नहीं है..तो एक और बात पर गौर कीजिए..जब रणबीर कपूर स्कॉटलैंड जाता है बॉबी देओल को मारने…तब वहां उसे बॉबी की दादी मिलती है…दादी कहती है कि तुम दोनों भाई हो..ये लड़ाई किसलिए…इस पर रणबीर कहता है कि बीजी एक भाई तो मरेगा..याद कीजिए महाभारत के युद्ध से पहले जब कुंती जाती हैं कर्ण के पास और बताती हैं कि वो उनका ही बेटा है..वो सबसे ज्येष्ठ भाई है और भाइयों के बीच लड़ाई अच्छी बात नहीं है..तब कर्ण उन्हें वचन देता है कि वो सिर्फ एक पांडव यानी अर्जुन को मारेगा..कुंती के पांच पुत्र थे और महाभारत के युद्ध के बाद में पांच पुत्र ही रहेंगे…महाभारत में अर्जुन अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए द्रौपदी के अलावा एक और विवाह करता है..एनिमल में रणबीर कपूर अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विवाहेत्तर सम्बंध बनाता है..
2- Historic Reference
एनिमल देखकर मुझे लगा कि संदीप वांगा रेड्डी ने इस फिल्म में पंजाब की हिस्ट्री दिखाई..इस परिवार में एक हिंदू है (सुरेश ओबेरॉय)…एक सिख (प्रेम चोपड़ा)और एक मुस्लिम (बॉबी देओल)…हिंदू, जिन्हें पंजाब में कई बार डेरोगेट्री तरीके से बनिया कहकर संबोधित किया जाता है..उसका परिवार बिजनेस में गया…वहां साम्राज्य खड़ा किया..पंजाबी परिवार अपने पुश्तैनी काम खेती-बाड़ी में लगा रहा..मुगल परिवार को लगा कि उसके साथ अन्याय हुआ है..जिस जगह वो कभी राज़ करते थे..वहां उन्हें थोड़ा सा हिस्सा (पाकिस्तान देकर) रफा-दफा कर दिया गया..उसे लग रहा है कि उसके साथ अन्याय हुआ है…असली चीज तो उसे मिली नहीं..पाकिस्तान हमेशा ये मानता रहा है कि पूरा पंजाब उसे मिलना चाहिए था..अगर आप अलग खालिस्तान की मांग वाले आंदोलन को फॉलो करते हैं तो आपको पता होगा कि इस खालिस्तान में सिर्फ भारत वाले पंजाब और कुछ अन्य इलाके शामिल हैं..अगर खालिस्तान सिखों की मांग होती तो इसमें पाकिस्तान के हिस्से वाला पंजाब भी शामिल होता..क्योंकि ननकाना साहिब से लेकर करतारपुर साहिब तक वहीं हैं..लेकिन खालिस्तान में सिर्फ भारतीय पंजाब शामिल हैं तो इसका मतलब पाकिस्तान (मुसलमान-अबरार-बॉबी देओल) ही खालिस्तान मांग रहा है..अगर आपने ये फिल्म देखी है तो आपको पता होगा कि रणबीर कपूर की फैमिली भले ही पंजाबी हो..लेकिन सारे रीति-रिवाज, रहन-सहन सब हिंदू वाले हैं…यज्ञ और हवन करते हैं…जब इस हिंदू फैमिली पर मुगल (आक्रमणकारी) हमला करता है तो वो मदद मांगने अपने सिख भाइयों के पास जाता है..प्रेम चोपड़ा और उनकी फैमिली खालिस सिख है..लेकिन वो रणबीर कपूर की फैमिली के सपोर्ट में आते हैं..अगर आपने सिख कौम खासकर खालसा पंथ यानी गुरु गोविंद सिंह के बाद की हिस्ट्री पढ़ी है तो आपको पता होगा कि खालसा पंथ की स्थापना कब हुई…गुरु गोविंद सिंह से पहले जितने भी सिख गुरु थे..उनमें सब देव या दास ही थे…
1-गुरू नानक देव
2- गुरू अंगद देव
3- गुरू अमर दास
4- गुरू राम दास
5- गुरू अर्जुन देव
6- गुरू हरगोविंद
7- गुरू हरराय
8- गुरू हरिकृष्ण
9- गुरू तेग बहादुर
10- गुरू गोविंद सिंह
देव और दास आम तौर पर हिंदू साधु-संतों के साथ ही लगता है..यानी गुरू तेग बहादुर तक सिख धर्म में ज्यादातर चीजें हिंदुओं वाली ही थी..फिर चाहे वो रीति रिवाज हों या देवी-देवता…हिंदू मंत्रोचारण काफी मिलता है..सिक्खों की अलग पहचान बनी गुरु गोविंद सिंह जी के बाद..जब अमृत चखाकर उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की…गुरु गोविंद सिंह जी ने सिखों को मार्शल कौम यानी लड़ाकू कौम बनाया और इस लड़ाकू कौम का दुश्मन कौन था…किसकी रक्षा के लिए ये बनाई गई..ये बात सब जानते हैं…अर्जन वेल्ली वे गाने की ओरिजनल हिस्ट्री क्या है..ये भी अब तक आपको पता चल गई होगी..रणबीर जब बॉबी को मारता है तो कड़े और कृपाण की मदद लेता है..कड़े और कृपाण के प्रतीकात्मक महत्व को तो आप जानते ही हैं..
प्वाइंट नंबर 3- Present Social Commentry
आपने एनिमल फिल्म देखी है तो आपने गौर किया होगा कि रणबीर कपूर का परिवार जब यज्ञ और हवन करता है तो उसने रणबीर कपूर गौमूत्र पीते हैं..इस सीन की कोई जरूरत नहीं थी..अगर रणबीर गौमूत्र नहीं भी पीता तो कहानी पर कोई फर्क नहीं पड़ता…लेकिन ऐसे छोटे-छोटे सीन और रेफरेंस ही एनिमल की जान है..और ये साबित करते हैं कि हर चीज के पीछे एक थॉट प्रोसेस है..आजकल आप देखते होंगे कि जब भी किसी को हिंदू धर्म या सनातन पर तंज कसना होता है तो वो हिंदुओं को गौमूत्र ड्रिंकर कहकर चिढ़ाते हैं..लेकिन इस फिल्म का हीरो Assertive Hindu है..In Your Face Angle वाला..मानो कह रहा हो कि भाड़ में जाओ सब..जो मेरे धर्म में है..मैं उसका पालन करूंगा..एक और चीज..रणबीर बताते हैं कि हिंदू चिन्ह स्वास्तिक हिटलर के नाज़ी सिंबल से अलग क्यों है? अब आते हैं फिल्म के विलेन अबरार हक यानी बॉबी देओल पर…बॉबी देओल कन्वर्टेड मुसलमान है..और ये बात अक्सर कही जाती है कि नया मुल्ला ज्यादा अल्लाह-अल्लाह करता है..वो खुद को असली मुसलमान से ज्यादा मुसलमान साबित करने की कोशिश करता है..इसीलिए आपने गौर किया होगा कि बॉबी देओल की इंट्री सीन में ईरानियन सॉन्ग बजता है..गीत-संगीत के मामले में भारतीय..पाकिस्तानी, जिसमें पंजाबी संगीत भी शामिल है, और जो मूलत भारतीय संगीत ही है..काफी समृद्ध है..फिर भी कन्वर्टेड मुसलमान की शादी में भारतीय की बजाए ईरानियन सॉन्ग बजता है..ये दिखाता है कि अब भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमान सीधे अरब को फॉलो करने लगे हैं..मक्का-मदीना भले ही सऊदी अरब में हो..लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप के कन्वर्टेड मुसलमान ईरान की तरफ ही देखते हैं जो इस्लामियत और शरीयत के मामले में सऊदी अरब से ज्यादा कट्टर है…उसे सऊदी अरब की उदारता नहीं बल्कि ईरान की कट्टरता भाती है..बॉबी देओल को स्कॉटलैंड में बसा हुआ दिखाना..उसकी 3 बीवी और 10 बच्चे दिखाना भी इस बात का संकेत है कि किस तरह आबादी बढ़ाकर अब मुस्लिम समाज ने यूरोप के अधिकांश देशों पर कब्जा कर लिया है…इसके अलावा रणबीर कपूर की महामशीन गन की डील के दौरान आत्मनिर्भरत भारत की बात करना मौजूदा सरकार के उस स्टैंड को दिखाता है..जिसमें वो हथियारों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात करती है
प्वाइंट नंबर 4.. Misogyny
कई लोग एनिमल को मिसॉजिनेस्टिक यानी स्त्री विरोधी फिल्म बता रहे हैं..इस फिल्म की हीरोइन अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने के लिए सगाई तोड़ देती है..रणबीर कपूर को कई बार डांटती है…थप्पड़ मारती है..जब रणबीर कपूर उसे अपने विवाहेत्तर सम्बंध के बारे में बताता है तो उसमें गर्व नहीं बल्कि शर्मिंदगी वाला भाव होता है..इश्क तेरा सतंरगी रे वाले गाने में वो उसका पैर पकड़ता है..लेकिन सिर्फ एक सीन, जिसमें हीरोइन कहती है कि काश अनिल कपूर मर जाता कहती है, उसमें रणबीर कपूर हीरोइन का गला पकड़ता है..सिर्फ इस एक सीन के आधार पर एनिमल फिल्म को मिसोजिनेस्टिक कहना मेरे तो गले नहीं उतर रहा..अगर कोई भी आपके पिता के मरने की बात कहे..खासकर वो पिता जिसे हीरो अपना हीरो मानता है..उसके मरने की दुआ मांगने पर कोई भी वैसे ही रिएक्ट करेगा..जैसे रणबीर करता है…इसलिए इसे इमोशन का इंस्टेंट रिएक्शन के तौर पर देखना चाहिए ना कि मिसोजेनी के तौर पर…
Violence – जहां तक फिल्म में हिंसा की बात है..ये जरूर है कि ये ग्राफिक और डिटेल में है..लेकिन यकीन मानिए रीयल लाइफ की हिंसा इससे भी ज्यादा भयानक होती है…निर्भया गैंगरेप केस में आंतड़ियां बाहर निकालने से लेकर बहन के प्रेम सम्बंध से नाराज होकर उसका सिर कुल्हाड़ी से काटकर पैदल ही पुलिस थाने तक जाने के केस हमने खूब देखे हैं…इसलिए ये कहना है कि एनिमल जैसी फिल्में समाज में हिंसा को बढ़ावा देंगी मुझे बेवकूफाना लगता है..मेरे हिसाब से तो एनिमल में इंटरवल से पहले वाली फाइट और क्लाईमेक्स फाइट किसी भी भारतीय फिल्म में दिखाई गई बेहतरीन फाइट में से एक लगी..और सोने में सुहागा का काम किया..अर्जन वेल्ली वे और दुनिया जला देंगे गाने ने…जिस तरह से इन फाइट सीन्स का बिल्ड अप किया गया और जिस तरह इन गानों ने इन सीन्स को नई ऊंचाई पर पहुंचाया..वो कमाल संदीप वांगा रेड्डी जैसा डायरेक्टर ही कर सकता था…दोनों ही फाइट सीन रौंगटे खड़े कर देने वाले थे..
लास्ट प्वाइंट- Sexual Content material
उस किस सीन के लिए अलावा जिसमें रणबीर कपूर और रश्मिका मंदाना..हीरोइन के घरवालों के सामने अपनी शादी के फैसले का एलान करते हैं..वही मुझे थोड़ा असहज करने वाला लगा..क्योंकि इसकी जरूरत नहीं थी..उस सीन छोड़कर मुझे फिल्म में और किसी सीन को देखकर मुझे हैरानी नहीं हुई…उससे 10 गुना ज्यादा सेक्सुअल कन्टेंट तो इंस्टाग्राम रील में सबके मोबाइल पर आता है..जहां पति अपनी पत्नी के फूहड़ और अश्लील डांस के वीडियो बनाता है…लड़कियां/महिलाएं सिर्फ अपने स्तन और नितंबों के जरिए कुछ सौ, हजार या फिर लाख लाइक पाने के लिए दिन रात नाचती रहती हैं…जब समाज कुछ लाइक्स के लिए नंगा होकर नाचने को तैयार है तो फिर लाखों और करोड़ों रूपये लेकर एक्टिंग करने वालों पर क्या सोचकर सवाल उठाता है..ये मेरी सोच से परे है…
PS- अगर आप उपरोक्त बातों से असहमत हैं तब भी आप रणबीर कपूर और बॉबी देओल की एक्टिंग के लिए ये फिल्म देख सकते हैं..एक हीरो सिर्फ अपनी एक्टिंग के दम पर किस तरह आपको बांध कर रख सकता है और फिल्म को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है..ये आपको एनिमल में दिख जाएगा…एनिमल ‘A’ रेटेड फिल्म है..इसलिए रणबीर कपूर को नेशनल अवॉर्ड शायद ना मिले..लेकिन अगर सारे पॉपुलर अवॉर्ड रणबीर को नहीं मिले तो ये अन्याय होगा…